मंत्र कैसे जपे
🪔 प्रश्न :
1. क्या मंत्र जाप मन में करना चाहिए? मैं मन में ही करता हूँ, पर मन में जाप करते समय अटकन सी महसूस होती है — जैसे हम ठीक से बोल नहीं पा रहे हों या मंत्रों को गति नहीं दे पा रहे हों। यह क्यों होता है और इसका समाधान क्या है?
2. क्या मंत्रों की संख्या बढ़ाने के लिए जाप की गति तेज करनी चाहिए या सामान्य रखना चाहिए? इसका प्रभाव क्या होता है?
3. मैं ज्यादा समय तक आसन या जाप में नहीं बैठ पाता, कुछ ही समय में मन पूरी तरह ध्यान या जाप से हट जाता है।
4. क्या बिना गुरु के मंदिर या मूर्ति के सामने बीज मंत्र या पंचाक्षर मंत्र का जाप कर सकते हैं? क्योंकि मैं करता हूँ।
..........................................
✍ उत्तर:
1. मन में जाप करते समय अटकन का अनुभव क्यों होता है?
यह बहुत सामान्य अनुभव है। जब हम मंत्र को केवल दोहराने की जगह उसके अर्थ या भाव को महसूस नहीं करते, तो मन बीच-बीच में रुक जाता है।
मन में एक प्रकार की "मौन ध्वनि" चाहिए होती है, जो अंदर से स्पष्ट हो — लेकिन शुरुआत में वह स्वाभाविक नहीं होती, इसलिए जाप "अटकता" है, जैसे स्वरहीनता का भ्रम।
🔹 क्या करें?
– शुरुआत में मंत्र को धीरे-धीरे स्पष्ट उच्चारण के साथ बोलकर अभ्यास करें (जैसे उपवाचिक जाप)
– फिर धीरे-धीरे मौन जाप (मानसिक जाप) की ओर बढ़ें।
– और सबसे जरूरी: मंत्र को गति नहीं, गहराई दें।
2. क्या संख्या बढ़ाने के लिए मंत्रों की गति बढ़ाना चाहिए?
तेज गति से जाप करने पर संख्या तो बढ़ सकती है, लेकिन उसमें भाव और ऊर्जा का क्षरण हो सकता है।
मंत्र एक कंपन (vibration) है — उसका प्रभाव उसकी शुद्धता और भावनात्मक शक्ति से होता है, न कि केवल संख्या से।
🔹 उचित उपाय:
– गति सामान्य रखें, इतनी कि हर शब्द आपके भीतर की चेतना को छू ले।
– यदि लंबा समय नहीं है, तो कम संख्या में लेकिन पूरे भाव और श्रद्धा से जाप करें।
3. मन जल्दी भटक जाता है, क्या करें?
यह भी साधना का एक चरण है। मन वर्षों से बाहरी दुनिया का आदी है, उसे एकाग्र करना तप है।
🔹 उपाय:
– जब मन भटके, तो मौन होकर कुछ देर साँस पर ध्यान केंद्रित करें।
– अभ्यास के लिए छोटे-छोटे सत्र करें, जैसे – दिन में 3 बार 5-5 मिनट।
– धीरे-धीरे समय भी बढ़ेगा और गहराई भी।
4. क्या बिना गुरु के मंत्र जाप कर सकते हैं?
हाँ, कर सकते हैं। विशेषकर यदि आपके भीतर श्रद्धा और संयम है।
मंदिर या मूर्ति के सामने किया गया मंत्र जाप एक आंतरिक ऊर्जा को जगाने का माध्यम बन सकता है — यदि वह केवल दिखावा नहीं, बल्कि अंतरतम की पुकार हो।
🔹 ध्यान रखें:
– बीज मंत्र शक्तिशाली होते हैं, इसलिए शुद्धता और संयम आवश्यक है।
– यदि संभव हो, तो किसी योग्य मार्गदर्शक से पुष्टि कर लेना अच्छा होता है।
🌼 सार में:
जाप की गहराई संख्या से ज़्यादा महत्वपूर्ण है।
मन की अटकन अभ्यास से दूर होती है।
श्रद्धा से किया गया जाप, चाहे अकेले हो या बिना गुरु के — सदैव फलदायक होता है।
धीरे-धीरे साधना का समय बढ़ेगा — लेकिन मजबूरी नहीं, प्रेम और आनंद से बढ़े।
🔔 आपका प्रश्न जागरूक साधक की निशानी है। अपने अनुभव को साझा करते रहें।
-----
🌿 Shree Dhenu Vedic Dhoopbatti 🌿
100% natural, pure and satvik incense sticks made from cow dung, cow urine, cow ghee, cow milk and Godhi.
Adopt it today for purity, peace and positive energy in the house -
"Sanatan Parampara Ki Khushboo, Har Ghar Me Mahke". 🌸🕉️
📍 Available: Bhopal, Madhya Pradesh
📞 Whatsapp for order: +91-9202599416
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें