कुंडली में कर्ज के योग
आज के दौर में कर्ज आधी से ज्यादा आबादी की सबसे बड़ी समस्याओं में से एक बन गई है। नई कार, नया घर खरीदना, बच्चों के शैक्षणिक कार्य आदि चीजों के लिए कई बार कर्ज लेने की स्थिति बन जाती है। लेकिन कई बार ऐसी भी स्थिति बन जाती है कि कर्ज का समय पर भुगतान नहीं कर पाते हैं। वहीं महंगाई के इस दौर में आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया हो गया है, जिसकी वजह से कर्ज में रखी गिरवी चीजों को खोना पड़ता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कई बार कुंडली में ऐसी स्थिति बन जाती है, जिनकी वजह से कर्ज लेना पड़ता है और कर्ज चुकाने में भी समस्या का सामना करना पड़ता है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, छठवें, आठवें, बारहवें और मंगल को कर्ज का कारक ग्रह माना जाता है। कुंडली में मंगल ग्रह के कमजोर होने पर और मंगल के पाप ग्रह से जुड़ने पर या छठवें, आठवें और बारहवें में नीच स्थिति में होने पर यानी मंगल अगर कर्क राशि में हैं तो व्यक्ति ज्यादातर समय कर्ज में रहता है। अगर मंगल पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़े तो कर्ज होता है लेकिन मुश्किल से उतरता है। शास्त्रों में मंगलवार और बुधवार के दिन कर्ज के लेन देन को वर्जित बताया गया है। इन दिनों कर्ज लेने से व्यक्ति कर्ज आसानी से चुका नहीं पाता।
दुर्घटना का जिक्र आते ही जिन ग्रहों का सबसे पहले विचार करना चाहिए वे हैं शनि, राहु और मंगल यदि जन्मकुंडली में इनकी स्थिति अशुभ है (6, 8, 12 में) या ये नीच के हों या अशुभ नवांश में हों तो दुर्घटनाओं का सामना होना आम बात है।
शनि : शनि का प्रभाव प्राय: नसों व हड्डियों पर रहता है। शनि की खराब स्थिति में नसों में ऑक्सीजन की कमी व हड्डियों में कैल्शियम की कमी होती जाती है अत: वाहन-मशीनरी से चोट लगना व चोट लगने पर हड्डियों में फ्रैक्चर होना आम बात है। यदि पैरों में बार-बार चोट लगे व हड्डी टूटे तो यह शनि की खराब स्थिति को दर्शाता है।
राहु : राहु का प्रभाव दिमाग व आँखों पर रहता है। कमर से ऊपरी हिस्से पर ग्रह विशेष प्रभाव रखता है। राहु की प्रतिकूल स्थिति जीवन में आकस्मिकता लाती है। दुर्घटनाएँ, चोट-चपेट अचानक लगती है और इससे मनोविकार, अंधापन, लकवा आदि लगना राहु के लक्षण हैं। पानी, भूत-बाधा, टोना-टोटका आदि राहु के क्षेत्र में हैं।
मंगल : मंगल हमारे शरीर में रक्त का प्रतिनिधि है। मंगल की अशुभ स्थिति से बार-बार सिर में चोट लगती है। खेलते-दौड़ते समय गिरना आम बात है और इस स्थिति में छोटी से छोटी चोट से भी रक्त स्राव होता जाता है। रक्त संबंधी बीमारियाँ, मासिक धर्म में अत्यधिक रक्त स्राव भी खराब मंगल के लक्षण हैं। अस्त्र-शस्त्रों से दुर्घटना होना, आक्रमण का शिकार होना इससे होता है
ज्योतिषचार्य एस्ट्रो-डीबी
कब-कब होगी परेशानी : जब-जब इन ग्रहों की महादशा, अंतर्दशा या प्रत्यंतर दशा आएगी, तब-तब संबंधित दुर्घटनाओं के योग बनते हैं। इसके अलावा गोचर में इन ग्रहों के अशुभ स्थानों पर जाने पर, स्थान बदलते समय भी ऐसे कुयोग बनते हैं अत: इस समय का ध्यान रखकर संबंधित उपाय करना नितांत आवश्यक है।
आपकी कुंडली में छठे भाव में कोई पाप ग्रह हो और लग्नेश कमजोर हो तो ऐसे व्यक्ति पर बहुत अधिक कर्ज होता है. यदि आपकी कुंडली में मारकेश की दृष्टि छठे भाव पर बन रही है. तो,इस स्थिति में व्यक्ति पर बहुत अधिक कर्ज हो जाता है. यह कर्ज बीमारी के कारण होगा. वहीं, अगर छठे भाव में सूर्य, राहु और मंगल मौजूद हैं. तो ये शुभ फल देते हैं. यदि यह ग्रह नीच राशि में हो या पीड़ित तो व्यक्ति को शुभ फल नहीं देता है
यदि छठे भाव में ग्रहण हो और दूसरे भाव का स्वामी और एकादश भाव पीड़ित हो तो व्यक्ति हमेशा कर्ज में डूबा रहता है. परंतु सूर्य के साथ राहु हो या शनि राहु के साथ हो, सूर्य के साथ मंगल हो, सूर्य के साथ केतु हो तो आपके शुभ फलों में कमी आएगी. इस अवस्था में धन और लाभ का स्वामी कमजोर हो जाता है. इन सभी ग्रहों की महादशा में व्यक्ति कर्ज में डूब जाता है.l
यदि आपकी कुंडली के छठे घर का स्वामी कमजोर है या छठे घर में सूर्य- राहु, मंगल-शनि, शनि-केतु और शनि -राहु की युति है, तो व्यक्ति के कर्ज में वृद्धि होती है. वहीं, छठे भाव का स्वामी नीच स्थान पर बैठा हो. तो, इस स्थिति में व्यक्ति पर कर्ज बढ़ जाता है, छठे भाव में शनि और मंगल की युति व्यक्ति के लिए कष्टकारी होती है
यदि आपके धन का स्वामी बृहस्पति है. वह छठे घर में राहु के साथ बैठे हैं. लग्नेश कमजोर है. गुरु और राहु की युति होने पर चांडाल दोष बनता है. चांडाल दोष कुंडली के किसी भी भाव में बनता है. इससे उस भाव से संबंधित प्रभाव खत्म हो जाते हैं और आपकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर हो जाती है
यदि जन्म कुंडली में लग्नेश छठे भाव में स्थित हो तो व्यक्ति जीवन भर कर्ज से परेशान रहता है।
यदि छठे भाव में मंगल के साथ शनि स्थित हो तो व्यक्ति जन्म से ही कर्जदार होता है।
यदि राहु और केतु के साथ बुध नीच का हो तो व्यक्ति जीवन में कर्ज में डूब जाता है।
शेयर मार्केट और ऑनलाइन पैसा
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