सावर वशीकरण


सावर वशीकर-01

“आगिशनी माल खानदानी। इन्नी अम्मा, हव्वा यूसुफ जुलैखानी। ‘फलानी’ मुझ पै हो दीवानी। बरहक अब्दुल कादर जीलानी।”

विधिः- पूरा प्रयोग २१ दिन का है, किन्तु ११ दिन में ही इसका प्रभाव दिखाई देने लगता है। इस प्रयोग का दुरुपयोग कदापि नहीं करना चाहिए, अन्यथा स्वयं को भी हानि हो सकती है। साधना-काल में मांस, मछली, लहसुन, प्याज, दूध, दही, घी आदि वस्तुओं का प्रयोग नहीं करना चाहिए। स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहन कर साधना करनी चाहिए। पवित्रता का विशेष ध्यान रखना चाहिए। लम्बी धोती या स्वच्छ वस्त्र को ‘अहराना’ की तरह बाँध कर साधना करनी चाहिए। शेष बची हुई धोती या कपड़े को शरीर पर लपेटते हुए सिर को ढँक लेना चाहिए। एक ही कपड़े से पूरा शरीर ढँकना चाहिए, जैसे हिन्दू-स्त्रियाँ पहनती है।

उक्त मन्त्र की साधना रात्रि में, जब ‘नमाज’ आदि का समय समाप्त हो जाता है, तब करनी चाहिए। साधना करने से पहले मुसलमानी विधि से वजू करे। हो सके, तो नहा ले। जप या तो हिन्दू-विधि से करे या मुसलमानी विधि से। हिन्दू-विधि में माला का दाने अपनी तरफ घुमाए जाते हैं। मुसलमानी विधि में माला के दाने अपनी तरफ से आगे की ओर खिसकाए जाते हैं। प्रतिदिन 1100 बार जप करे। यदि 11 दिन से पहले ‘साध्य’ आ जाए, तो न तो अधिक घुल-मिल कर बात करे, न ही किसी प्रकार का क्रोध करे। कोई बहाना बनाकर उसके पास से हट जाए। यदि 11 दिन में कार्य न हो तो 21 दिन तक जप करे। मन्त्र में ‘फलानी’ की जगह ‘साध्या’ का नाम लेना चाहिए।

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Astro-db

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