कैसे उतरेगा कर्ज


👉आजकल कोई भी कुंडली दिखाता हैं तो दो ही बात बोलता हैं की मेरा काम ठीक नी चल रहा हैं, शुरू करते हैं कुछ दिन बाद बंद हों जाता हैं, दूसरा की हमारे ऊपर कर्ज बहुत हैं छोटे छोटे खर्चो से शुरू हुआ कर्ज कब बडा हों गया पता ही नहीं, बहुत से लोग कहते हैं की हमने कर्ज उतरवाने के लिए बड़ी बड़ी पूजा करवा ली लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ उल्टा मानसिक परेशानी और बढ़ गई । कुछ ने तो ऑनलाइन पूजा के लिए पेंसे दिए पूजा भी कराई हैं कुछ ने बोला की पंडित जी ने बोला आप के नाम से हम फलानी जगह पूजा करेंगे सामग्री के लिए पेंसे डालो पहले कम फिर थोड़ा ज्यादा फिर और बस फिर क्या न पंडित मिला न फल मिला पेंसे भी गए ऐसे पंडितों को भूल ही जाओ। आखिर ऐसा क्यों होता हैं एक तो दुखी ऊपर से धोखा सच ये हैं की ऐसी कोई पूजा नहीं बनी जो कर्ज़ा दूर करदे लेकिन

 ( धन भाव की पूजा करके धन बढाया जा सकता है )

 समझदार विद्वान एक ही बात बोलता हैं की ज़ब तक़ जातक की आमदनी मे इज़ाफा न हों धन आने के रास्ते न बने ओर जो काम करता हैं उसमे लाभ ना बढ़े तबतक कर्ज़ा कैसे चुकायेगा भाई ज़ब आमदनी मे बढ़ोतरी होंगी तो ही लोन की किस्त या ब्याज की रकम देगा।

हां पर इतना हैं कि ग्रहो के आधार पर पूजा घर पर की जा सकती हैं जिससे नकारात्मक ऊर्जा का नाश हों जातक की बुद्धि ठीक हों और उसके कार्य बनने लगे तोह ओ ठीक हैं इस तरह उलजुलूल पूजा जिसका अता पता आपको नहीं हैं तोह सिर्फ टाइम और धन का नाश हैं। कर्ज़े पर बहुत से पोस्ट मैंने लिखें हैं। जिससे जातक के काम बने और उसे लाभ हों उसके लिए आपको कुंडली के धन भाव को देखना होगा 2,6,9,10,11 भाव के स्वामी और राशि पति का सही होना जरुरी हैं 2 भाव धन का, 6,नोकरी का काम धंदे का, 9 भाग्य का, 10 कर्म स्थान का, 11 लाभ का इनमे से कोई भी 2 भाव के स्वामी मजबूत हों तोह भी काम चल जाता हैं, भाग्य भाव और कर्म भाव मज़बूत हों यानी कर्म का स्वामी शनि जो की कालपुरस की कुंडली मे हैं और जो कर्म भाव मे बैठा ग्रह हों और भाग्य का साथ जातक क़ो बड़ी कठिनाई भरे समय मे अति आवश्यक हैं यानि 9 वा भाव जागरित होना जरुरी हैं क्योंकि कर्म और भाग्य एक दुशरे के पूरक हैं, अब शनि जहाँ भी बैठे उश्के सामने वाला घर खाली हों या मित्र ग्रह बैठा हों जैसे शुक्र तोह दोनों के फल उत्तम होंगे शनि के भी शुक्र के भी और जहाँ बैठे हैं वहा भी बशर्ते मंगल बद के साथ या राहु के साथ न हों। ये ख़राब तो करेगा ही साथ मे उपाय के फल भी नी मिलते। जैसे राहु की दसा मे किये गए उपाय असर दिखाते ही नहीं यदि सही दिए व किये न जाय यही हाल शनि दसा का भी हैं जिसमे व्यक्ति क़ो हर पल डर ही लगा रहता हैं हर तरह से रात हों या दिन ओ मेहनत करने व लोगो के बीच तालमेल बैठाने से भी डरता हैं जिसकी वजह से उसका आत्मबल गिरता जाता हैं क्योंकि उसकी दसा मे सूर्य का प्रभाव कम ही रहता हैं।
दूसरा भाव मे यदि ख़राब राहु हों या कोई भी पाप ग्रह हों तो जातक वाणी ख़राब होंगी हर छोटी छोटी बात पे गाली या मजाक करना उशकी इमेज क़ो डाउन करता हैं जितनी वाणी ख़राब होंगी उतना धन का रास्ता बिलोक होगा। शुक्र, चंद्र यहाँ उत्तम फल देते हैं यदि छटे भाव मे कोई ग्रह न हों खासतर सूर्य केतु न हों। कुल मिला कर जातक के कामकाज के हालाद क़ो ठीक किया जाय उशकी आमदनी क़ो लाभ उचित हों तोह क़र्ज़ जल्दी उतर जाता हैं।

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