राशि फल फलित क्यों नहीं होते हैं
कॉफी लोग यू ट्यूब और न्यूज़ चैनल और न्यूज़ पेपर पर आओ ज्योतिष एप्प पर अपना राशिफल देखते हैं लेकिन वह कभी भी सटीक नहीं होता उसकी सबसे बड़ी वजह क्या होती है चलिए आज वह बताते हैं पोस्ट को ध्यान से पढ़ें,,
1, सबसे पहली बात तो यह है कि वह जो राशिफल बताते हैं वह भावों के हिसाब से और भावों के मालिकों के हिसाब से बताते हैं। जबकि अच्छे या बुरे फल हमें भावों में आने वाले नक्षत्र से मिलते हैं और नक्षत्र की ही महादशा ही चल रही होती है।
आपके सामने उदाहरण के तौर पर मेष राशि को ले रहा हूं
मान लो कि आपकी मेष राशि है जो केतु के नक्षत्र के पहले चरण से शुरू होती हैं। सीधी सी बात है कि जिस नक्षत्र में जन्म हुआ है सबसे पहले उसे ग्रह की महादशा होगी।
और आपको यह भी पता है कि केतु की महादशा कितने वर्ष की होती है अगर जातक की उम्र 7 साल से कम है तो उसकी केतु की महादशा चल रही होगी।
अगर जातक की उम्र 7 साल से 27 साल के बीच है तो सीधी सी बात है उसकी शुक्र की महादशा चल रही होगी।
अगर 27 से ऊपर 30,32 साल के आसपास है तो उसकी लगभग सूर्य की महादशा चल रही होगी।
अब सोचने की बात यह है कि मेष राशि तो लाखों लोगों की है लेकिन किसी की बाल अवस्था है तो केतु की महादशा होगी किसी की युवा अवस्था शुरू हुई है तो उसमें शुक्र की महादशा होगी किसी की सूर्य की महादशा रहेगी
कहने का मतलब यह हुआ कि किसी की उम्र कितनी है तो किसी की कितनी है उसी के हिसाब से महादशा में फर्क आ जाता है और हर किसी के फल बदल जाते हैं।
और इसी वजह से गोचर का फल भी राशिफल में बदल जाता है।
इसमें दूसरी बात यह भी देखने वाली है की मेष राशि में शुक्र का नक्षत्र भी पूरा आता है कुछ लोगों का जन्म शुक्र के नक्षत्र में होता है।
किसी का जन्म शुक्र के नक्षत्र में होता है किसी की जन्म होते ही शुक्र की महादशा शुरू होती है। अगर वह अपना राशिफल देखते हैं अगर वह 20 साल से कम उम्र रखते हैं तो उनकी शुक्र की महादशा रहेगी।
सीधी सी बात है युटुब ,फेसबुक, न्यूज़ चैनल ,और न्यूज़ पेपर पर वह भाव राशि का फल तो बता देते है। लेकिन हर किसी की राशि तो अलग-अलग नक्षत्र के अलग-अलग चरण से शुरू होते हैं जिसकी वजह से महादशा है भी बदली हुई होती है।
मान लो किसी की मेष राशि 20 अंश से शुक्र के नक्षत्र से शुरू है ग्रह गोचर के हिसाब से चौथे भाव में कोई ग्रह 10 अंश पर चल रहा है।
भाव के हिसाब से देखने में तो वह चौथे भाव में है लेकिन राशि के अंश के हिसाब से वह ग्रह तीसरे भाव का फल दे रहा होगा। क्योंकि राशि के नक्षत्र जब 20 अंश से शुरू हुए हैं तोहार भाव के नक्षत्र 20 अंश से शुरू होंगे इस हिसाब से चौथा भाव 20 अंश के नक्षत्र से शुरू होगा। उसमे बैठा 10 अंश का ग्रह कैसे चौथे भाव में का फल दे देगा।
मैं हमेशा अपने हर पोस्ट में यही बताता हूं कि किसी की राशि दो अंश से शुरू है तो किसी की 25 अंश से शुरू होती है
इंपॉर्टेंट भाव राशि नहीं है इंपॉर्टेंट तो आपकी राशि कितने अंश के किस नक्षत्र से शुरू है वह होता है
भावों के हिसाब से कुंडली का फलादेश करने वाले ज्योतिषियों को या जो लोग भावों के हिसाब से कुंडली अध्ययन सीख रहे हैं उन्हें शायद यह जानकारी समझ ना भी आए ,
लेकिन जो बिल्कुल डीपली राशियों के भाव के साथ-साथ नक्षत्र और ग्रहों के अंश का हिसाब किताब सटीकता से करना जानते हैं वह समझ चुके होंगे कि अगर गोचर का फलादेश देखना है तो वह कैसे देखा जाएगा
उम्मीद है इस उदाहरण को आप समझ गए होंगे
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